Shivani singh 21 Jun 2023 कविताएँ अन्य 8713 3 5 Hindi :: हिंदी
एक प्यारा बचपन, अनमोल धार, जगत की खुशियों का संग्रहार। दोस्ती की डोली, मस्ती का जहाज, खेल-खिलोनों का लहराता साज। छुट्टी की बेल, खुशियों की रात्रि, मिठाई का बगीचा, मस्त खात्री। माँ के हाथों का प्यारा आहार, पिता की गोदी, सुरीली गितार। दीदी के जूले, भाई की मस्ती, नन्हे मुंहों से निकले प्यारे शब्द। छोटे बच्चों की हंसी और चुप, जीवन के रंगों से भरी दुपहर। खेलने की छुट्टी, घर का बगीचा, माल्टीकलर का प्यारा संगीत। बचपन की चादर, नन्हीं सी कहानी, बारिश की बूंदों में मस्ती गानी। आदर्श बचपन, खुशियों की जगह, परिवार की गोद, रंगीन नाविक। ये थी मेरी प्यारी बचपन की कविता, जीने का रंग, बचपन की विद्या।
9 months ago
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