Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

विश्वास की डोर

DINESH KUMAR KEER 27 Jan 2024 कविताएँ प्यार-महोब्बत 3802 0 Hindi :: हिंदी

विश्वास की पक्की डोर 
जिसे हम प्रेम समझने की भूल कर बैठे थे 
दरसल वो तो किसी और के लिए महज 
वक्त गुजारने का जरिया भर था
क्यों सही कहा ना ? 
वक्त ही तो गुजारना था ना तुम्हे 
और कमबख्त मैं पागल, झल्ली  
तुम पर यकीं कर बैठी 
अपने विश्वास की पक्की डोर 
तुमसे जोड़ बैठी, 
तुम पर अंधभक्त की तरह विश्वास 
मेरे जीवन की सबसे बड़ी भूल थी 
जिसकी क्षति मैं जीवन भर 
पूर्ण नहीं कर पाऊंगी, तुमने सिर्फ 
मेरे ह्रदय को ही नही बल्कि 
मेरे आत्मसम्मान को भी 
गहरी चोट पहुंचाई है 
जानते हो तुम ! तुम्हारे बाद 
तुम पर क्या मैं कभी किसी 
पर भी भरोसा नहीं कर पाऊंगी
विश्वास की पक्की डोर कभी 
किसी से ना जोड़ पाऊंगी....

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: