संदीप कुमार सिंह 02 Jul 2023 कविताएँ धार्मिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 7351 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) राम भरोसे चल रहा, वैसे तो सब काम। कण कण में प्रभु राम हैं, जाने सकल जहान।। राम भरोसे चल रहा,सरकारी सब काम। भ्रष्ट लोग भरमार में, मूक बना आवाम।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....