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माँ

Maushami 11 Apr 2023 कविताएँ समाजिक माँ #प्यार #कुर्बान #स्वर्ग #जन्नत 7360 0 Hindi :: हिंदी

माँ
माँ केवल माँं होती है,
झूठ सही सब कुछ सहती है।
पर कभी कुछ ना कहती है,
माँ केवल माँ होती है।
कभी रूठों को मनाती है,
कभी बिछड़ों को मिलाती है।
फिर भी कभी मंथरा तो कभी कैकई के रूप में बदनाम होती है,
पर माँ आखिर माँ होती है।
बच्चों के लिए सब कुछ सहती है,
पर कभी उफ भी ना करती है,
माँ आख़िर माँ होती है।

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