Ranjana sharma 26 Nov 2023 कविताएँ दुःखद जिंदगी बद से बद्तर हो गई#Google# 8355 0 Hindi :: हिंदी
जिंदगी बद से बद्तर हो गई जब से इश्क किया अच्छे खासे पहले जी रहे थें अब जीना मुश्किल हुआ सोचा ना था ऐसा भी रुख आएगा जिंदगी में लूट जायेगें हम मोहब्बत में ऐ मोहब्बत भी क्या चीज़ है जब होती नहीं ,तो होती नहीं जब होती है तो छूटती नहीं प्यार का रंग भी कितना रंग बदलता है मौसम के साथ - साथ हर कोई बदलता है घूट पी रहे हैं हम आंसू के और वो ऐसे जी रहें हैं अपनी जिंदगी ,जैसे कोई गम नहीं लौ जिंदगी की बुझती नजर आ रही है मुझसे मेरी ही परछाई दूर होते दिख रही है हम तो हर गम से मुक्त थे अब गमों में डूबते नजर आ रहे हैं हम तो बड़ी शिद्दत से अपने रिश्ते निभा रहे थें पर वो हमपे ही ऊंगली उठाकर चले गए अब लगता है गलत वो नहीं हम ही थें क्योंकि मोहब्बत की राहों में आंखें मूंदे हम ही खड़े नजर आ रहे थें एहसान जिंदगी का कुछ ऐसे मुझपे चढ़ गया कर्ज उतारते- उतारते मेरी मौत भी मुझसे रूठ गया अब तो ना जिया जा रहा है ना मौत हमको गले लगा रहा है क्या करे यही सोचकर बस वक़्त बीता जा रहा है चुप ती है अब तन्हाई सही ना जाती है अब जुदाई दर्द के आलम का चादर हम ही क्यों ओढ़े हुए हैं क्यों उनका दिल फुट - फुटकर रोता नहीं है धन्यवाद🙏