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वीरों देश पर जान लुटाने चले हैं

Sudha Chaudhary 15 Aug 2023 कविताएँ अन्य 5332 0 Hindi :: हिंदी

वीरो देश पर जान लुटाने चले हैं
जरा ठहर जाओ दीवाने चले हैं।

अगर आग सीने मैं जल ही गई है
डर है हमें क्या, दुश्मन भगाने चले हैं।

मिट्टी पुकारे लहू अपना मागे
सीमा पर अपने बेगाने खड़े हैं।

मेरी जिंदगी है वतन के हवाले
मर के भी देश बचाने चले हैं।

मेरा देश सोने की चिड़िया रहा है
उसे अपनी धरती पर लाने चले हैं।

सारे जहां के सुविधा मेरे देश होगी
विकास के पथ बनाने चले हैं।

जय हिंद, मेरा भारत महान
सुधा चौधरी
बस्ती

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