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मैं फ़रिश्ता हूं सच बताता हूं-कौन ये फ़ासला निभाएगा

Ujjwal Kumar 27 Jul 2023 कविताएँ अन्य मैं फ़रिश्ता हूं सच बताता हूं 10938 2 5 Hindi :: हिंदी

मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूं
वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूं 

एक जंगल है तेरी आंखों में
मैं जहाँ राह भूल जाता हूं 

तू किसी रेल-सी गुज़रती है
मैं किसी पुल-सा थरथराता हूं 

हर तरफ़ ऐतराज़ होता है
मैं अगर रौशनी में आता हूं 

एक बाज़ू उखड़ गया जबसे
और ज़्यादा वज़न उठाता हूं 

मैं तुझे भूलने की कोशिश में
आज कितने क़रीब पाता हूं 

कौन ये फ़ासला निभाएगा
मैं फ़रिश्ता हूं सच बताता हूं

Comments & Reviews

Sudha Chaudhary
Sudha Chaudhary बहुत अच्छा कहा है आपने

8 months ago

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Sudha Chaudhary
Sudha Chaudhary ये ग़ज़ल दुष्यंत कुमार जी की है

8 months ago

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