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पेड़ों से गिरते पत्तों को देख अहसास हुआ-अभी मौसम पतझड़ का है

Raj Ashok 11 Jan 2024 शायरी हास्य-व्यंग पतझड़ 13032 0 Hindi :: हिंदी

पेड़ों से गिरते पत्तों को देख अहसास हुआ। 
अभी मौसम पतझड़ का है। 
अभी वक्त सब्र का है ।
ये इन्तजार जरूरी है। ये इम्तिहान जरूरी हे।
जब हालात् बदले तो सब बदल जाएऐगे ।

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