Shakuntala Sharma 30 Mar 2023 शायरी प्यार-महोब्बत # कब तक इंतजार करु में# मौसम बदलते ही# कयामत तक सफर# प्रेम की ऋतु 29506 0 Hindi :: हिंदी
कब तक युं तेरा इंतज़ार करू में ?. उम्र का आखरी मुकाम है सांसो के टुटने का भरोसा नहीं हॉं अगर वायदा कर ले मुझसे जनम -जनम में फिर मिलने का । तो कयामत का सफर भी तय करू में ॥ खुदा के दर पर हाथ फैलाए दुआओ में असर का कब तक युं कारोबार करू में ? मेरे जख्मो के नासूर बनने का भरोसा नही" । हॉ अगर . तू मरहम बन जाये दर्द की ' तो दर्द को नजर अंदाज करू में।। ' मौसम के बदलते ही सब कुछ बदल जाता है। कब तक यु ऋतु के आने का इंतजार करू मैं " I प्रेम की ऋतु आने का भरोसा नही ॥ हाँ अगर तू बंसत बनकर मेरे तन पर छा छाये " तो प्यार भरे मौसम में फिर रंग भरु मैं। I l मिलना और बिछुड़ना तो खेल है तकदीरो का । कब तक यूं तकदीर बदलने का इंतजार करू में।? किस्मत की लिखावट मिटने का भरोसा नही।। हां अगर तू हर जनम में साथ चले तो फिर खुदा से बगावत करू मैं।। ----------------- शकुन्तला शर्मा ॥
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