Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

उलफत भरी चाह-हर बाधा को पार कर बने रहें महताब

संदीप कुमार सिंह 26 Aug 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 8328 0 Hindi :: हिंदी

उलफत ही उलफत जहां,वहीं रहे अरु आब।
हर बाधा को पार कर,बने रहें महताब।।

खुशबू हो महताब का,संग  रहो तुम काश।
किस्मत बदले यार तब,पार करूं हर पाश।।

सुरभित फूल गुलाब का,लाता सदा बहार।
रौनक ही रौनक रहे,प्राण रहे गुलजार।।

मौसम सब गुलजार है,कायम रखिए चाह।
नित नव मंथन से रहे,सुलभ सरल हर राह।।

खुद से खुद पर कर विजय, आगे बढ़िए आप।
करके भला समाज का,करिए प्रभु का जाप।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: