Samar Singh 17 Sep 2023 कविताएँ हास्य-व्यंग मेरा पड़ोसी कुत्ते से बहुत प्यार करता है, यहाँ उसका प्रेम और कुत्ते से दुलार का एक उदाहरण देखिये, पढ़िये और आनंद लीजिये. 4179 0 Hindi :: हिंदी
पड़ोसी मेरा कुत्ता लाया बड़े शगुन से, नहलाते उसे रोज सेंट वाले साबुन से l मारकर पाऊडर, बना रहे निडर, महाभारत के पात्रों का पाकर नाम l घूमता रहता है खाकर निष्काम l दिन में अपरिचितों पे भौंक रहा, रात में बिना करवट बदले नींद सेंक रहा l सुबह एक दिन हुआ कमाल, कुत्ते को सिखला रहे थे लाना बॉल l बॉल लुढ़काते, उसे बुलाते, कुत्ता आता, मुँह में गेंद दबाता , लाकर इन्हें थमाता l मैं रहा था सोंच, पड़ोसी बन गया है कोंच l सुबह शाम फील्डिंग करवाते, दिन में तीन बार नहलाते l एक दिन घूमते- घामते पहुँचा, अपने को समझकर बहुत ऊँचा l चाय की दुकान पे, चाटकर पुरवा कुल्हड़ l बन गया दरिद्र फूहड़ l हो गया अब वहाँ जाना, जब से बना चाय का दिवाना l पड़ोसी का घर दिया छोड़, सारे रिश्ते दिया तोड़, l पड़ोसी खिसियाया, नया कुत्ता लाया l कुत्ते का नामकरण, अपने शत्रु के कारण, रख दिया उसका नाम, छिड़ गया फिर संग्राम l शत्रु भी आकर ताव में, कुत्ता लाया अच्छे भाव में l नामकरण किया, अपना टेंशन हरण किया, l कुत्ता बन गया पड़ोसी का लड़का, पड़ोसी इस बात पर भड़का l शत्रु ने कुत्ते का ऐसा नाम चुनी, कि घंटों हुई कहा- सुनी l कुछ कुत्तों को लेकर, पड़ोसी को चकमा देकर l घर छोड़ फरार हुआ, फिर पड़ोसी पर एक नशा सवार हुआ l तीन- तीन कुत्ता लाया, सबको बड़े जोश से दिखलाया l नहलाते वक्त चिल्लाया, अपने बेटे पर गुस्साया l पकड़ जरा सीकड़ को, साफ करूँ जरा कीचड़ को l इसको गाँव का हीरो बनाऊंगा, अपनी गली में सबको कटाऊँगा l अब दिन में भी जाना, कठिन हुआ सबने माना l कुत्तों का प्रेम, भगवान से पूछते कुशल क्षेम l खुद के माथे पर लगाते टीका, पर कुत्ता घर न टिका l दो मरे, तीसरा प्रेम में विह्वल, रहा गली- गली टहल l फिर से पड़ोसी भुनभुनाये है, माइकल कुत्ता लाये हैं ll रचनाकार- समर सिंह " समीर G "