राकेश 13 Aug 2023 कविताएँ समाजिक अकेलापन 7820 2 5 Hindi :: हिंदी
अकेले जीने की ना सोच, धन दौलत शोहरत चाहे हो बहुत, अकेले नहीं कर पाएगा अपने पूरे शौक, कोई तो चाहिए जीवन में दोस्त, अकेले दिल की बात दीवारों से कहेगा सोच, परिवार रिश्तेदार जब नहीं होंगे तेरे दोस्त। घर में राज होगा तेरा, परंतु राज होगा किस पर तेरा, जब कान मुंह के बावजूद भी तू होगा गूंगा बहरा, सुनने वाला जब नहीं होगा स्वर तेरा, पूरी धरती पर चाहे हो तेरा बसेरा, अकेलापन नहीं रहने देगा तुझे अकेला, मिलजुल कर रहने में हैं, लाभ सिर्फ तेरा।
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