संदीप कुमार सिंह 10 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी रोमांचित होंगें। 4526 0 Hindi :: हिंदी
(मुक्तक छंद) गाल तुम्हारे रसगुल्ला से कम तो नहीं। हरेक अंग किसी अप्सरा से कम तो नहीं। जिसके आने से नहीं होता है अँधेरा_ तुम तो यार सूर्य की किरण से कम तो नहीं। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....