संदीप कुमार सिंह 29 Apr 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाजिक हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 10951 0 Hindi :: हिंदी
समय कभी रुकता नहीं,करें नहीं यूं व्यर्थ। सदुपयोग करते रहें,होगा कभी न अनर्थ।। समय कभी रुकता नहीं,परम् सत्य यह बात। लिखें वक्त के साथ नव,सृजन और दिन रात।। समय कभी रुकता नहीं,करिए अनुपम कार्य। जो कि दृढ़ इतिहास बन,देंगें दिव्य विचार।। समय कभी रुकता नहीं,सुबह सुबह ही जाग। करिए दैनिक सब क्रिया,आफत जाता भाग।। समय कभी रुकता नहीं,चलते रहिए आप। मिलते सही मुकाम तब,मिले नहीं संताप।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....