Samar Singh 26 May 2023 गीत दुःखद जीने की तमन्ना थी जिनके संग, वो ही दूर हो गया तो फिर हर सपने चूर हो गए। 5244 0 Hindi :: हिंदी
सपने जब चूर हो गए, तब हम मजबूर हो गए, तुमसे हम दूर हो गए। अब कोई ख्वाहिश नहीं, कोई फरमाइश नहीं, कोई गुजारिश नहीं। ना कोई दुआ, ना दवा है, बेनूर सी हो गयी हवा है। मेरे यार ये क्या हो गया है। कैसे हुई है ये भूल, चुभती हर पल है शूल, जम गए अरमानों पे धूल। कैसे हुआ पता नहीं कुछ, बदल गयी तकदीर सचमुच, कहाँ रह गयी मुहब्बत की पूछ।। रचनाकार - समर सिंह " समीर G "