संदीप कुमार सिंह 24 May 2023 गीत समाजिक मेरा यह गीत समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6982 0 Hindi :: हिंदी
पग पग पर अवरोध है, जीवन यह संग्राम। करें निरन्तर काम को, जग यह चारों धाम। पग पग पर अवरोध है, और नित्य कर्तव्य। ऐसे में बन आयरन,राह मिले तब नव्य।। पग पग पर अवरोध है, मंजिल भी है दूर। चलें सदा हर हाल में, होंगे मत मजबूर।। पग पग पर अवरोध है, फिर भी मत हो हार। इसके लिए प्रयास कर, जीवन हो गुलजार।। पग पग पर अवरोध है, चाहत रखें जवान। तभी जंग को जीत लें, खुद से रखें कमान।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा) बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....