Shiwani vishwakarma 01 Aug 2023 कविताएँ अन्य #शाम #आसमान #मन #सूरज #घना #प्रकोप #बगिया #पुष्प #कल 7611 0 Hindi :: हिंदी
आखिर ये कल क्या लाएगा।। यह सूरज भी शाम होते-होते ढ़ल जाएगा । फिर आसमान में तारों का बारात आएगा। और चारों ओर अंधेरा घना छाएगा। आखिर ये कल क्या लाएगा।। क्या फिर से मन में उमंग भरा पुष्प खिल जाएगा। या फिर से कल का सूरज एक शर्त लाएगा। या फिर इन बादलो का घना प्रकोप छाएगा। आखिर ये कल क्या लाएगा।। शायद बगिया का कोई पुष्प मुरझाएगा । या कोई पुष्प नया आएगा । या कोई ऊंचाइयों को छूकर मुस्कुराएगा। या कोई नीचे गिर कर वापस आएगा। आखिर ये कल क्या लाएगा।। @sivi_vish