मोती लाल साहु 30 Apr 2023 आलेख अन्य मन का चक्रव्यूह, ईर्ष्या- द्वेष- काम- क्रोध- मोह- लोभ- अहंकार ये सभी माया के रूप और मन की सेना हैं- इसी में मनुष्य जीवन पर्यंत उलझा रहता। 4602 0 Hindi :: हिंदी
ईर्ष्या द्वेष की भट्ठी बनी- चढ़ी हाड़-मांस की हांडी माया की लगी में जली- काम- क्रोध- मोह- लोभ, अहंकार की लकड़ी मन के चक्रव्यूह में जीवन- पर्यंत जलता यह कर्म योगी -मोती