संदीप कुमार सिंह 08 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 5570 0 Hindi :: हिंदी
(मुक्तक छंद) अपनों से मिलना रहे, मन में अति अनुराग। बरसे सावन झूम के,लगे रंगीन बाग। भक्ति माह है यह अभी,भक्ति भाव में लोग_ भोले की महिमा दिखे,जले भक्ति की आग। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....