Raj Ashok 01 Jan 2024 शायरी समाजिक सवारी 4954 0 Hindi :: हिंदी
बैकार की, शिकायतों मे बचा वक्त जिन्दगी का क्यों गुजरे पहले सवारी थे हम उसकी तब साथ थे अब जाना है कही और तो सवारी बदल गई ।
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Jai jai ho...