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वर्षा सुंदरी

Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत #Rambriksh Bahadurpuri #Rambriksh Bahadurpuri kavita #Rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar 6488 0 Hindi :: हिंदी

कविता -वर्षा सुंदरी

खुशियों से मन, झूम उठा मेरा 
     देख उमड़ते,बादल का घेरा
        भीगूंगी मैं,वर्षा फुहार में
            डूबूंगी तब, प्रेम से प्यार में। 

भीगेगा तन ,पड़ते फुहार में
   झूमेगा मन, सजके श्रृंगार में
      जगेगा प्रेम,वर्षा बहार में 
         पिघलेगा तन,बहे जल धार में। 


गरजेगें धन,जब आसमान में 
    उछलेगा मन,तब पिया प्यार में
      चम चम चपला, चमक उजियार में 
          चाहूं तब मैं, पिया अकवार में।  


रहा न जाए,अब इंतजार में
   आ जा प्रीतम,बसंत बहार में
     खो जाएं यूं,हम यादगार में
        सदा रहे हम,तेरे दिदार में। 


नयन भर देख,लू मेरे प्रीतम
   न रहे दूरी,ना रह जाए गम
     सच मे सच्चे,ही कहलाएं हम
        मिलन हमारा,अमर कहाए हम। 

रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी अम्बेडकरनगर यू पी 

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