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Recent Articles
हर बार ये दिल तुझसे हार जाता है........
हर बार ये दिल तुझसे
दो तमनाऐ है इक ही मंजिल है
दो तमनाऐ है ,और एक ह
प्यासे है अब भी हम दोनो...
प्यासे है अब भी हम द
आँखे बया करती है हकीकत....
आँखे बया करती है हक
साथ बिताये चंद लम्हे ही रेह जाते है
साथ बिताये ,चंद लम्
जी लेने दो तेरे संग जिन्दगी...
जी लेने दो तेरे संग
रूबरू होते हो जब....
रूबरू होते हो जब, सा
तुझे चाहने की गुनाह ने.......,
तुझे चाहने की गुना
तेरी मोहब्बत का मुकाबला कोई और क्या करेगा
तम्नाये सिमट जाती
खामोसिया बताती है
खामोसिया बताती है,
माथे गगा लिये ,....
माथे गगा लिये ,कैला
बस एक तरी याद
मेरी इस पागल दिल मे
सुकु की चाहत मे.....
सुकु की चाहत मे, हर
एक है दिल
एक है दिल, सौ तमनाऐ
तू जो रूठा
तू जो रूठा ,तुझे मना
हमने बाजी ही पलट दी
एक- एक कर, हमने बाजी
ना कोई उम्मीद है यहा,
ना कोई उम्मीद है यह
जले है इतना तेरे इश्क मे की
जले है इतना तेरे इश
तेरी- मेरी चाहत भी
तेरी- मेरी चाहत भी,
मत खोल निगाहें ओ रब्बा,
मत खोल निगाहें ओ रब
हम उफ तक ना करेगे
बेशक आजमाया करो हर
बस अब कह दो न
जो भी है दिल मे तेरे
क्यू मम्मी- पापा आप इतने हमे प्यार करते होक्यू मम्मी- पापा आप इतने हमे प्यार करते हो
हर बरी -सी- बरी गलति
वो फिर से किसी को चाहने की गुनाह.....
वो बातो- ही- बातो मे,
दूरियो मे रेहकर देखा है...
दूरियो मे रेहकर दे
दुआओ की हर जंजीर मे....
दुआओ की हर जंजीर मे,
होता क्यू न मोहब्बत आप से............. जी
होता क्यू न मोहब्ब
हमे पता है जितना हम तरपति है ना
हमे पता है, जितना हम
बस जान देनी बाकी थी
दिल दिया था उसे, बस
खामोश जुवा उनकी.....
खामोश जुवा उनकी, नि
जुदाई का मन्जर
ये कैसी अपनी आशिकी
मासुमियत भरा है अपना प्यार
मासुमियत भरा है अप
धितकार भरी नजर....
धितकार भरी नजर, फिज
कोई तो आकर सुलझा सके
अठपटे ,उलझी- उलझी बा
मोहब्बत की मिठास
उनकी आखों मे वो जाद
उठता हर धुंआ दिलकी
उठता हर धुंआ दिलकी,
वो इक कागज का पन्ना थी
वो इक कागज का पन्ना
इक तेरी आशिकी
100 गुनाहो से बचकर इक
मत कर इतनी मोहाब्बत हमसे...
मत कर इतनी मोहाब्ब
प्यार
मोहाबत है तुझसे कि