DINESH KUMAR KEER 31 May 2023 आलेख अन्य 3560 0 Hindi :: हिंदी
जीवन एक खेल है... हमारा हँसना, बोलना, पढ़ना, देखना, जीना, हम जो कुछ भी करते हैं वो सब खेल है। और हम सब इस खेल के पात्र। यदि ये सोच कर जीवन को हम खेलेंगे तो खेल का मज़ा आएगा। और, हाँ ये कोई किताबी ज्ञान नहीं ,ये संभव है, अनुभव है। पर यदि गंभीर होकर इसको सच मानकर, दुखी होकर, शिकायतों से भर कर जीया तो ये बोझ बन जायेगा, जिसे हर पल ढोना, पीड़ादायक होता है। ये तो हम सबका अनुभव है ही।