संदीप कुमार सिंह 28 Jun 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4954 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) गर्मी का मौसम अभी, तापमान है गर्म। बदन पसीना मय रहे,चाहत रहती नर्म।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....