Uday singh kushwah 10 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत गूगल याहू बिंग 6351 0 Hindi :: हिंदी
बेरंग बेनूर लगने लगा हूं मैं तुझसे दूर होने लगा हूं मैं। तू पास आकर तो देख मुर्झाने लगा हूं मैं ...! ज़माने को तू समझती नहीं है दुनियादारी समझने लगा हूं मैं।
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