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तरक्की की हद....

मोती लाल साहु 25 Apr 2023 शायरी समाजिक तरक्की की हद हो गई है, अब जमाने में शानो-शौकत की हद हो गई है। इम्तेहान चल रही है- इंसानों की। 6538 0 Hindi :: हिंदी

हद हो गई है अब-
तरक्की की हद हो गई है

अब जमाने में,
इम्तेहान- 
चल रही है इंसानों की,
शानो-शौकत की हद हो गई है
-मोती

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