राणा प्रताप कुमार 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम 33873 0 Hindi :: हिंदी
ओ गलवान के वीर शहीद। तू है कितना खुशनसीब। चारो तरफ तेरे ही। शोक के खबरे छायी। रो रही धरती अम्बर। रो रही पर्वत खाई। मेरे बेटो ने रक्षा के लिए। जान के बाजी लगाये। फुल एवं कलिया मुरझाई। तेरे शोक मे उदासी छायी। हवा भी बेसुध बह रही। तेरे शोक का संदेश कह रही। कल कल नदिया बह रही। संतावना का संदेश दे रही। मन ही मन लोग रो रहे। तेरे शोक मे सब खो गये। कुदरत भी भावुक हो गया। अपना दर्द सब से कह रहा। धंय हो तो विर जवान। जो सरहद पर हुए कुर्बान। लेखक -राणा प्रताप कुमार आजमगढ़ उत्तर प्रदेश। मो0 0न0- 7347379048