PURUSHARTH DEWANGAN 30 Mar 2023 शायरी अन्य आज एक नई आगाज करता हूं, मायूस ना होना तुम कभी, टूटी थी पौधे की डाली जहां , टूटी डाली से नए पौधो का निर्माण करता हूं, आज अंत से ही शुरुआत करता हूं, 15816 0 Hindi :: हिंदी
आज एक नई आगाज करता हूं, मायूस ना होना तुम कभी, टूटी थी पौधे की डाली जहां , टूटी डाली से नए पौधो का निर्माण करता हूं, आज अंत से ही शुरुआत करता हूं,