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श्री गुरू नमो नमः

संदीप कुमार सिंह 30 Apr 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाजिक हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 26472 0 Hindi :: हिंदी

गुरु शब्द बड़ा ही सूखकारी,
उनके रहते न आती है,
किसी भी प्रकार की समस्या भारी।
हम सब रहते हैं बेफिक्र,
की अपने ऊपर हैं गुरुवर।
गुरुवर_गुरुवर_गुरुवर,
आप हैं ज्ञान के सरोवर।
आप सम्हाल लोगे,
आप सम्हाल दोगे।
हम संवर जायेंगें,
जिन्दगी संवर जाएगी।
एक_एक कर के,
दुनिया सारी संवर जाएंगी।
ॐ गुरुवे नम: ॐ गुरुवे नम:.....
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍🏼
जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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