Mohammed fejaan 30 Mar 2023 शायरी राजनितिक गूगल 11295 0 Hindi :: हिंदी
शायरी, नंबर 17 मैंने एक छोटा अरज किया अपने चिडनें वालो दुश्मनों के बारे में? धनुस से निकला तिर कभी वापीस नहीं आता है? धनुस से निकला तिर कभी वापीस नहीं आता हैं? इस तरह जब दिल पर लगा घाओं साफ़ नहीं होता हैं? तो जब मेरे दिल, दिमाग पर यह बात लगती हैं? . तो तब दुनिया मैं हा...हा कार मचा देता हँ ? और दशमनों की गानड़ फाड़ के हाथ में रक देता हूँ? मैं?,, मोहम्मद फैजान सिद्धिकी हरियाण सी.टी पानीपत गांव नूवाला 25 फूटा रोट ईन्दा विहार कॉलोनी वार्ड न0 2,
I , am Mohammed fejaan my father name rais ahamad and mathar name vasila...