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सारे जहां की हंसी-मैं तेरे लबों पे सजा दूं

संदीप कुमार सिंह 30 Nov 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत How to publish articles?How many type of human?what is Earth?How to download Paytm?How to download Google App?How to download PayPal?How to download Facebook?How to download WhatsApp?How to download Instagram? 6084 0 Hindi :: हिंदी

सारे  जहां  की  हंसी,  मैं  तेरे  लबों  पे  सजा  दूं ।
मैं   तुझको  जिन्दगी  के,  सारे  मजा  दूं  ।
मेरे  जैसे  लाखों  हैं,  पर  तुम  लाखों  में  एक  हो-
और मैं  सभी   अपनी,  बेशक़ीमत  सारी  रजा दूं ।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:-समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार

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