आकाश अगम 30 Mar 2023 गीत अन्य #मन की जीवित रहे जवानी #बाहों में बल रहे #अर्थहीन झोली #प्रेरणात्मक कविता #मोटिवेशनल पोएम #motivetional lyrics #आकाश अगम #Akash Agam 95762 0 Hindi :: हिंदी
जिंदा हूँ , तब तक छोड़ूँ मैं अपने कर्म की निशानी तन की भले चली जाए पर मन की जीवित रहे जवानी।। बाहों में इतना तो बल हो अंधे को कंधा मैं दे सकूँ जो नित अधर्म करते उनको फाँसी का फंदा मैं दे सकूँ जैसे पाँव धँसे माटी में वैसे दिल में धँसे कहानी तन की भले चली जाए पर मन की जीवित रहे जवानी।। इतना तो बल रहे कि यम के साथ साथ मैं चल पाऊँ इतना तो बल रहे कि ठोकर लगे तो स्वयं सम्भल पाऊँ ज़ुबाँ न काँपे तब जब प्रभु को करनी स्वयं पड़े बतलानी तन की भले चली जाए पर मन की जीवित रहे जवानी।। झोली अपने लिए रिक्त हो और न हाथ कदापि खुले हों झोली भरी रही हो तब जब दीन पसारे हाथ मिले हों अर्थहीन झोली दिखलाऊँ, ज्ञानहीन न पड़े दिखलानी तन की भले चली जाए पर मन की जीवित रहे जवानी।।