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सावन सुन्दरी

Ashok Kumar Yadav 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 66867 0 Hindi :: हिंदी

कविता का शीर्षक- सावन सुन्दरी

आ गया सावन का मधुमास पल,
नारी की लहराने लगी हरित चुनरी।
सज-धज कर सोलह श्रृंगार करके,
मन-मगन नाच रही सावन सुन्दरी।।

बदन भीग रहा है रिमझिम फुहार से,
धरा में चारों ओर छायी है हरियाली।
चमक कर बिजली खींच रही तस्वीर,
गगन से उतरकर आयी है खुशहाली।।

तरु की डालियों में बांधकर झूला,
झूलकर मिलन गीत तुझे गाना है।
मुख मुद्रा और नैनों से करके इशारे,
संगदिल पिया को तुझे रिझाना है।‌।

सखियों के संग होगी हंसी-ठिठोली,
सौन्दर्य स्पर्धा का फैलेगा इंद्रजाल।
जीतना होगा तुझको प्रज्ञ प्रतिभा से,
रूप,यौवन की मल्लिका बेमिसाल।।

सिर में धारण करोगी हीरक मुकुट,
आभा से नैसर्गिक होगी प्रतीपमान।
तुम्हारी ही चर्चा जन करेंगे चहुंओर,
विद्या की देवी देगी अनुपम सम्मान।।

कवि- अशोक कुमार यादव मुंगेली, छत्तीसगढ़ (भारत)।

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