संदीप कुमार सिंह 29 Jun 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी रोमांचित होंगें। 9249 0 Hindi :: हिंदी
तीखी अदाएं तेरी कमसिन उमर है, यौवन निशिला लम्बी लट पतली कमर है। बलखा के क्यों न तुम ठूमका लगाए, आशिकों के दिल को क्यों न धड़काए। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....