Neha bansla 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक # dr bheem #rao# Ambedkar# respect# heartly# great person#rights 7112 0 Hindi :: हिंदी
लेकर कलम कागज़ हाथ में, एक नायक चले थे। तन पर नीला कोट एक, आँखों में लेके अरमान चले थे। कुनीति तोड़ने की पहल थी,लेकर भारत आज़ाद चले थे। उठाकर आवाज़ समाज में, लाखो की उम्मीद बने थे, लिखकर सविंधा एकांत मे कानून के पिता बने थे। पलट कर रख दिया पूरे भारत का रुख जिस महान हस्ती ने, वो बाबा साहेब बने थी।