Poonam Mishra 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत ऐसे मोड़ पर पहुंच गई है जिंदगी जहां समझ नहीं आ रहा है 6736 0 Hindi :: हिंदी
बार-बार पता नहीं क्यों? कुछ मैं लिखती हूं. फिर मिटाती हूं .न जाने क्या ? मन की रहस्य को उजागर करना चाहती हूं "चाहती तो हूं कि लिख दूं 'अपने मन के भाव को पर दूसरे ही क्षण यह ख्याल आता है, नहीं ...अभी नहीं ...जाने दो फिर कभी क्या ?लिखें कैसे? लिखें और क्यों ?लिखें स्वरचित लेखिका पूनम मिश्रा