Prince 08 Jun 2023 कविताएँ समाजिक #Google #हिन्दी कविता #समाजिक #हिन्दी साहित्य 3907 0 Hindi :: हिंदी
हमेशा सम्मुख थे अध्यापक, निष्ठा से प्रभावित, प्रतिष्ठा की पर्वतश्रेणि में स्वतंत्रता के गीत। शिष्यों के हृदय में ज्ञान की ज्योति प्रकट, कला, साहित्य, विज्ञान की उज्ज्वल प्रकाशित। सुरमय तालिका से ध्वनित थे गुरुकुल के द्वार, विद्यार्थियों को सदैव मिलती थी उपाश्रय कुंजी यहाँ। नैतिकता, आदर्श, समाज के आरोही, अध्यात्म के साधक, ब्रह्मा के अवतारों की उच्चाई। धर्म, नीति, संस्कृति, सभ्यता के महासागर, प्राचीन शिक्षा प्रणाली में छुपे थे सौरभ संगर। गगन में छिपी उन्नति, ज्ञान की विशाल गंगा, प्रज्ञा की प्रवाहिनी थी शिक्षा की अमित वंदना। पुरातन काल के सुनहरे शिक्षा सिंदूर, हमेशा हमें प्रेरित करेगी ज्ञान की रसधार। आओ फिर से जगाएं वो प्राचीन शिक्षा की लालसा, जीवन को भरें सत्य, ज्ञान, आदर्श और विश्वास से प्यार सा। आओ फिर से उम्मीद की किरणों को जगाएं, अतीत के सुनहरे सपनों को हम सच कराएं। पुरातन समय की शिक्षा, गुरुकुलों की अनूपम सौंदर्य, विद्या की पथशाला, आत्मा की अभिव्यक्ति का संगीत। छात्रों के हृदय में प्रवेश करती ज्ञान की नदी, पूर्वजों के संस्कारों की धरा, आचरण की मंजरी। वेद, पुराण, उपनिषदों का अमृतमय अन्न, दैवीय ज्ञान की उमंग, ज्ञान का प्रकाश अभिमान। अर्थशास्त्र, नीतिशास्त्र, विज्ञान के सम्राट, ब्रह्मा, विष्णु, महेश की ध्वनि, अनंत शक्तिशाली आवाज। शिक्षा की अद्भुत माला, छात्र का विकास के फूल, अहंकार के परदे को उठा, ज्ञान की अनन्त प्रार्थना। प्राचीन शिक्षा प्रणाली, ज्ञान का संस्कृत महासागर, दीप्ति से प्रकाशित ज्ञान की अनन्त अभियांत्रित साधना। आओ फिर से जीने को प्राचीन शिक्षा का ज्योति जगाएं, मन-बुद्धि को विकसित करें, ज्ञान की आग से जलाएं। गुरुओं की पावन वाणी, शिष्यों का आदर्श पुरुषार्थ, हमें प्रेरित करें नवयुवकों की विद्या की सृजन आराधना। इस अद्वितीय संस्कृति की आड़ में हम आगे बढ़ें, अतीत के सौंदर्य को नवीनता से सजाएं। शिक्षा के द्वार पर आदर्शों का अभिषेक करें, न्याय, सच्चाई, धैर्य की पुष्प माला बनाएं। विज्ञान के उन्नत आधार पर हम आगे बढ़ें, पुरातन ज्ञान को नवजीवन में प्रवेश कराएं। आचार्यों के मार्गदर्शन से हम प्रगति करें, सत्य, न्याय, अहिंसा की ध्वजा हमेशा लहराएं। शिक्षा की सौभाग्य नगरी में चलें आगे हम, आदर्शों के प्रकाश से मन-बुद्धि को सुखमय बनाएं। युगों से आदर्शों की बाँट रही हैं विद्या के फूल, उन्नति की पथशाला में अविरलता से गहराएं। पुरातन समय की अमृत शिक्षा हमें याद दिलाए, अद्वितीय विरासत को हम सम्मान से संजोएं। आओ फिर से जगाएं उच्चतम संस्कृति को हम, ज्ञान की आग जलाएं, शिक्षा के रंग बिखेरें। पुरातन शिक्षा प्रणाली की विजय गाथा लिखें, ज्ञान की महाकाव्य को हम सदैव सजाएं। दोस्तो ! कविता अच्छी लगे तो शेयर , फॉलो और कमेंट जरुर करें एक कविता लिखने मे बहुत मेहनत लगती हैं । आपका बहुत आभार होगा । लेखक : प्रिंस ✒️📗
I am a curious person. Focus on improving yourself not 'proving' yourself. I keenly love to write st...