Vipin Bansal 30 Mar 2023 कविताएँ राजनितिक 8724 0 Hindi :: हिंदी
कविता - ( सरकारी योजना ) मुद्दतों बाद बनी ! बनते ही खोदना ! बाद का काम पहले ! पहले का बाद पर छोड़ना ! फिर नए सिरे से ! उन सड़कों को खोदना ! फिर शुरू होती नई परियोजना ! समझ न आई हमको ! यह सरकारी योजना ! समझ न आई हमको ! यह सरकारी योजना ! बिजली फ्री पानी फ्री ! बोतल के संग एक बोतल फ्री ! फ्री - फ्री चिल्लाकर ! चुनावों में वोट बटोरना ! एक घर में फ्री बिजली ! दूजे घर गला घोंटना ! पानी के मीटरों का तेज दौड़ना ! संयुक्त परिवारों का शुरू हुआ टूटना ! समझ न आई हमको ! यह सरकारी योजना ! समझ न आई हमको ! यह सरकारी योजना ! पीने वालों की लगी झड़ी ! एक के संग एक फ्री ! गली - गली ठेके खोलना ! पीने वालों के कांधो पर ! अर्थव्यवस्था को छोड़ना ! शायद है यह नई योजना ! मयख़ाने में बदलकर दिल्ली को छोड़ना ! बहुत खूब इनका सोचना ! समझ न आई हमको ! यह सरकारी योजना ! समझ न आई हमको ! यह सरकारी योजना ! ताहिर हुसैन क्या नहीं था पास ! बलात्कारी से जो कराई मसाज ! इनके ओहदे को सलाम ! जेल में मिलते हैं पकवान ! यह आम आदमी की पहचान ! घर को दीमक की तरह चाटना ! चुनावों में रेबड़ी बाटना ! वोट के लिए घर - घर याचना ! समझ न आई हमको ! यह सरकारी योजना ! समझ न आई हमको ! यह सरकारी योजना ! पूरी उम्र गुज़री ! पर न देखी ऐसी लड़ाई ! गवर्नर के हाथों में ! दिल्ली की सत्ता आई ! चुनी हुई सरकार के ! कार्यों में बोलना ! जनता के फैसले की ! क्यों हुई अवहेलना ! समझ न आई हमको ! यह सरकारी योजना ! समझ न आई हमको ! यह सरकारी योजना ! विपिन बंसल