Baba ji dikoli 30 Mar 2023 आलेख अन्य कहानी/कविता/आलेख/शीर्षक/उत्कृष्ठ/भक्ति/शायरी/गजल/नगमा/ 10021 0 Hindi :: हिंदी
आज के युबक भी अद्भुत बड़े है कुछ झूटी मुहोब्बत में तो कुछ मैखाने में खड़े है इनके सपने भी बहुत बड़े है कुछ खुद को तो कुछ माँ बाप को बर्बाद करने पर तुले है । अब इन्हे याद नही की घर में माँ आस लगाए बैठी है ये तो मस्त है कि महबूबा क्या कहती है इन्हे पढ़ाने में माँ बाप की बसिहत बिकती है इन की तो मुहोब्बत के नाम पर हर रोज नसे कटती है खुद की जननी के आगे भी इनकी गर्दन नही झुकती है भला ऐसे लोगो की बर्बादी भी रूकती है । @BaBa ji dikoli