ब्राह्मण सुधांशु "SUDH" 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक जीवन, सामाजिक 13888 0 Hindi :: हिंदी
हो कितनी भी गुस्सा वो! ख़ुद ही मान जाती है!! छोटी हो तो चंडी ! बड़ी हो तो दुर्गा कहलाती है!! भाई भाई की रट वो लगाती है! दिन भर पकाती है !! कभी सोते से जगाती है! तो कभी बाल खीच जाती हैं!! होती है लड़ाई एक दम अनोखी ! भाई है टॉम तो बहन है जेरी जैसी !! पल मे रूठना पल मे मनाना होता है ! ये रिश्ता ही इनका गहना होता है !! बात चुड़ैल से शुरू हो कर ! भूत पर आकर खत्म हो जाती हैं !! आने दो पापा को घर कह कर ! अक्सर अपनी शक्ति से डराती है !! रखे बहनो तुम्हें भगवान सलामत ! तुम्हारे लिए सौ बाते भूल जाऊंगा !! बहनो की खुशी के लिए ! दुनिया जीत कर भी हार जाऊंगा !! किस्मत मे हर किसी के ! उनका प्यार नहीं होता !! भगवान देता ही नहीं बहन उनको ! जो भाई बनने लायक नहीं होता !! सभी बहनो को दिल से प्रणाम और ढेर सारा प्यार 🙏💖