Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

मैं क्यूं हारु-जब लगी हो मन में तब चेन कहां जीवन में

Aarti Goswami 16 Jan 2024 कविताएँ अन्य मैं क्यूं हारु 6664 1 5 Hindi :: हिंदी

"मैं क्यूं हारु"
पढ़ना हैं मेरा करम
किताबे हैं मेरा चरम
जीवन में हैं कुछ सपना
जो किताबों से होगा अपना 
किताबों से लाना हैं सैलाब
और ज्ञान से भरना हैं तालाब
तो मैं क्यूं हारु 

आसान नहीं कुछ बनना जहां
पढ़ने से होगा वो भी यहां 
किताबों से हैं मेरे ख़्वाब
जो बनाएंगे मुझे कामयाब 
जब किताबें हैं हाथ में
तब सब कुछ हैं साथ में 
तो मैं क्यूं हारु

जब सब कुछ हैं मिला
तब भी मन कहां हैं खिला
कुछ बनने की आग
जब लगी हो मन में
तब चेन कहां जीवन में 
तो मैं क्यूं हारु 
  ‌                   ~'आरती गोस्वामी'✍️

Comments & Reviews

Aarti Goswami
Aarti Goswami Good

3 months ago

LikeReply

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: