Ujjwal Kumar 14 Jul 2023 कविताएँ अन्य Maa 5313 0 Hindi :: हिंदी
भोली सी, प्यारी सी, होती है, मा की ममता मुरत ये, न्यारी सी, होती है ,उसकी अच्छाईयाॅ अपने आँचल में, हमको सवारती दुनिया भर का प्यार, हम पे लुटाती उसके जैसे जग में, न कोई खुबसुरत है पहिला गुरु वो हमारी, जगत माता है जुग जुग जियो, मा विश्व में सदा उसका रुप प्यारी, बन जाये आस्था .... ला..ला..ला..ला..ला..ला.. पालन करती है, दुनिया से अकेली लढती है वो शक्ती का महान पर्व है जिस घर माई है, कलीयाॅ खिलती है. बच्चो को दुलारे वो, प्यारी सी मा, आँचल की हरियाली है. उमर भर हम करे मा की सेवा, अब कोई नहीं हो अपना देवा-२ उसके जैसे जग में न खुबसुरत है पहीला गुरु वो हमारी जगत माता है जुग जुग जियो मा विश्व में सदा उसका सम्मान एक प्यारी बन आस्था... मा वो प्यारी मा,झुक जाये शिश चरणो तेरे तु वो नुरजहानं हे.... रचनाकार -उज्जवल कुमार