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मेरे अपने लोग अब रहते हमसे दूर-कल तक थे साथ में आज हुए मगरूर

संदीप कुमार सिंह 03 Jan 2024 कविताएँ समाजिक दोहा # यादगार दोहे # कबीर के दोहे # रहीम के दोहे # महाभारत के दोहे # रामायण के दोहे # दोहा सागर # दोहा वली # दोहा धुरंधर # दोहा सृजन # दोहा सरोवर # दोहा सम्राट # How' to published articles?How to create you tube short ? How to open Facebook Acount?How to open saving account? How to make you tube channel? How to create video? 4185 0 Hindi :: हिंदी

दोहा  छंद 
मेरे  अपने  लोग अब, रहते  हमसे  दूर।
कल  तक  थे  साथ  में, आज  हुए  मगरूर।।

मेरे  अपने  लोग  ही, हुए  बेवफा  आज।
थे  मेरे  अहसान  पर, अभी हुए  हैं  बाज।।
(स्वरचित मौलिक)
संदीप कुमार सिंह✍️
जिला:-समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार,

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