Samar Singh 06 May 2023 गीत दुःखद इस गीत को पढ़े और अपना आशीर्वाद दें। 9240 0 Hindi :: हिंदी
इन फूलों की वादी, जाने कितने की बरबादी। हसरतों की हो गयी आजादी, आँसुओं की बस मिली आबादी।। हर गमों से दोस्ती करना, मेरा न इरादा था। साथ आप मेरा छोड़ जायेंगे, आपका नहीं वादा था।। वादों के साथ जीयें, कि यादों में हर रात पीयें। आपकी एक- एक बात लिए, जीता हूँ एक मुलाकात के लिए।। ये गुलशन है, फूलों की घाटी, यहाँ चलती है जिन्दगी लेने की परिपाटी। मेरे किस्मत को कैसे, किसने बांटी, अरमान जल गए, टूट गयी भाग्य की लाठी।। रचनाकार- समर सिंह " समीर G "