राणा प्रताप कुमार 30 Mar 2023 कविताएँ बाल-साहित्य 24455 0 Hindi :: हिंदी
चन्द्र नभ में मुस्कुराओ न। अभी तो अंधेरा छाया। बादलो से निकलकर तु। रोशनी जगमगाओ न। बादलों में छिपकर के तु। लुक छिप खेल रहा। जुगनु के जैसे तुम। जलकर बुझ रहा है। बादलो से निकल जरा। रात भी तेरे साथ। अंधकार को रोशन कर। क्योंकि तारो का बरात। ओ चंद्र अपना छवि दिखा। अंधेरा को यु भगा। अपने रोशनी के जादू से। सब का मन मोह ले। सब को चन्द्र तु बता। तारो को रास्ता दिखा। अंधेरो के तु ज्योति। रातो के राजा है तु। लेखक -राणा प्रताप कुमार आजमगढ उत्तर प्रदेश। मो 0न0 - 7347379048