Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

कलम की गूॅंज

Rambriksh Bahadurpuri 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #Rambriksh Bahadurpuri kavita #Rambriksh Bahadurpuri Ambedkar Nagar #kalam per kavita 11048 0 Hindi :: हिंदी

कविता - कलम की गूंज 

कलम की गर्जना
               कड़कती रहेगी
कलमों की कीमत
               रही है रहेगी
बनी स्याही, आंसू
               गिरी कागज़ों पर
वही दुःख की दरिया
               समन्दर लिखेगी। 

कभी दीन दुखियों की
               इतिहास लिखकर
कभी फुलझड़ी सी
               पन्नों पर झड़कर
सुख दुःख की बनकर
               संगम   रहेगी। 

तलवार बरछी की
               ताकत रही है
शोषित वंचितों की
               राहत रही है 
विचारक कवि लेखक की
               हथियार बन कर 
महिमा कलम की
               गूंजती  रहेगी। 

बहादुरपुरी की कलम
               जब चलेगी
कलमों की कीमत
               रही है रहेगी। 
कभी कोई इसको
               झुकाना भी चाहे
दबाना भी चाहे
               मिटाना भी चाहे
बन तोप शोला
               गरजती रहेगी। 


रचनाकार -रामबृक्ष बहादुरपुरी अम्बेडकरनगर यू पी 




Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: