Poonam Mishra 30 Mar 2023 गीत समाजिक जीवन के संघर्ष जीवन सांध्य 35799 0 Hindi :: हिंदी
जीवन के संघर्षों का. अब डर न मुझको दिखलाओ मेरा तो जीवन गुजरा है इन अंगारों की राहों पर मैं जीवन की इस नदियां में डूब जाऊंगी यह प्रश्न नहीं है क्या पता है तुम्हें ? मेरा बचपन ही गुजरा है पानी के धारों पर मेरा प्रीतम सूरज है जो दिन रात ही चलता रहता है बिना डरे बिना थके हरदम अपनी राह पर चलता रहता है तूफानों का डर न मुझको. दिखलाओ मेरा तो बचपन गुजरा है तूफानों के आने जाने में बहुत पुराना नाता है तूफानों के आने जाने का जीवन के संघर्षों का अब डर न मुझको दिखलाओ मेरा तो जीवन गुजरा है इन अंगारों की राहों पर अंधेरा आए तो फैलने दो मेरी नगरी में तुम्हें क्या पता मेरी दुनिया सजी है चांद सितारों से जीवन के संघर्षों का अब डर न मुझको दिखलाओ कुछ कहना चाहती हूं पर कुछ कह नहीं पाती हूं जीवन के इस उलझन को मैं धीरे-धीरे खोलूंगी जीवन के संघर्षों का अब डर न मुझको दिखलाओ |