संदीप कुमार सिंह 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मेरी इस कविता को पढ़कर पाठक गण अवश्य ही लाभान्वित होंगें। 9158 0 Hindi :: हिंदी
विवाह की तैयारी जोरों से चल रही है, खुशियां जैसे बरस रही हो। दुल्हा सज रहे हैं, दुल्हन सज रही हैं। दो दिलों में मधुर मिलन की, लावा फूट रहें हैं। दोनों उस शुभ घड़ी के, इन्तजार में हैं। फूलों सी मुस्कान चेहरे पर, सबके छाई हुई है। आज रात खूब झूमेंगें_नाचेंगें, साथ मिलकर जस्न मनायेंगें। विवाह बन्धन में दो दिल, जब बंध जायेंगें। आजीवन साथ निभाने की, कसम आज खाएंगें। एक पवित्र रिश्ते का शुरुआत होगा, खुशियों का चमन महकेगा। दो बदन एक जान होंगें, एक नए संसार की शुरूआत होगा। संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....