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सुबह का कोहरा

Surbhi khichi 30 Mar 2023 शायरी प्यार-महोब्बत 11454 0 Hindi :: हिंदी

तेरी याद एक सुबह की कोहरे जैसी है
पास होकर भी तू दिखता नही मुझे
सामने होकर भी कोहरे में धुंधला सा दिखता है
कब तक यूं ही धुंधला सा दिखेगा 
आना है तो असल जिंदगी में पास आ 
तुझे यू कब तक धुंधलापन सा महसूस करु
क्या करूं तू इन आंखों में एक तस्वीर सा बन गया है 
तेरी इस धुंधलेपन और आंखों में देख कर ही जी भर लेती हूं।



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