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एक धैर्यवान पति

Shubham Kumar 30 Mar 2023 कहानियाँ दुःखद एक धैर्यवान पति 37249 1 5 Hindi :: हिंदी

यह कहानी मेरे बगल की गांव की है, और संपूर्ण सत्य है इसमें कोई ,भी मिलावट नहीं की गई है, बात उस समय की है जब मैं बहुत छोटा था, मेरे गांव के बगल में, इस घटना को, लगभग 20 वर्ष हो चुके, रमा एक बहुत सुंदर स्त्री थी,) नाम बदला हुआ ) उसका पति रमेश, उसे से बहुत प्रेम करता था, पर रमा को, लगातार तीन बेटियां हो चुकी थी, एक मिडिल क्लास में, सिर्फ बेटियों का जन्म होना, लोग बहुत ही,  लोग दुर्भाग्य मानते हैं, क्योंकि यह जो दहेज प्रथा का चलन है, गरीब आदमी तो अपने  बेटी का  शादी ठीक से कर ही नहीं सकता😪 यह मुझे समझाने की जरूरत नहीं, इस बात से रामा को, बहुत ही दुख होता था, समाज उसे ताने मारते थे, रामा की किसी न किसी से लड़ाइयां  होते रहना कोई आम बात हो गई थी, रामा कितने को मुंह बंद कर सकती थी, कभी-कभी तो नाराज होकर, रोने भी लगते थे, तब रमेश उसे सहारा देता था, वह उसे हमेशा कहता था, भगवान के घर में, देर होता है अंधेर नहीं होता, ऐसे तो रमेश को भी कितने, लोगों ने सलाह दे चुके थे, लेकिन रमेश दूसरी शादी करने से, साफ-साफ इंकार कर चुका था, वह रमा से बहुत प्रेम करता था, 1 दिन भगवान को "कुछ पल के लिए"  दया आ चुकी थी, रामा गर्भवती हो चुकी थी, वह  डरती थी, कि कहीं इस बार भी बेटी ना हो, लेकिन रमेश ने उसे ही  हिम्मत दी, हुआ भी ऐसा ही उससे बेटा हुआ, जो बहुत ही सुंदर था, अब रमा बहुत खुश  थी, क्योंकि अब सारा समाज, का मुंह बंद हो चुका था, और वह अपने बच्चे को अपनी पलकों पर, बिठा कर  रखते थे वह उसे, एक पल के लिए भी अकेला, नहीं छोड़ता था,  उस बच्चे का एक दिन स्वास्थ्य खराब हो 'जाता है और डॉक्टर  भी  उसे बचा नहीं पाता शायद  उसे इतना दिन के लिए संसार में रहना था' रामा के मानो तो, सारे सपने टूट गए , उसे यकीन नहीं हो रहा, कि उसका एक सुंदर सा बेटा, इस संसार से चला गया है, वह पागल हो चुकी है, उसे लगता है किसी ने उसके बच्चे को, छीन लिया है, पहले जब भी किसी के बच्चा देखता, वह उसे दौड़कर पकड़ने लगता था, और लोगों पर पत्थर मारता था,  लोगों ने रमेश को सलाह दी, यह पागल हो चुकी है, इसे तुम पागल खाने क्यों नहीं भेज देते, लेकिन रमेश अपनी पत्नी को, अपने से अलग ना होने दिया, रमा के पांव में,  बेड़िया लगी रहती, फिर भी वह, गाली देते देते, एक गांव से दूसरे गांव चला जाता, जब रमेश कार्य करके, शाम को घर लौटता था, तब वह अपनी पत्नी को, खोजने के लिए बाहर चला जाता, वह उसे ढूंढ कर लाता, आज भी वह, औरत कुछ नहीं बोलती है, बस अपनी धुन में, एक ही बात कहता है,  उसके बच्चे को लौटा दे, और गालियां देती हैं, आजकल तो रिश्ते में, हल्की फुल्की बातों को लेकर, पति पत्नी में, तलाक हो जाते हैं, लेकिन वह कैसा धैर्यवान पति है, जिसके दिल पर, उसके  पत्नी ने कितनी बार घात की होगी, कितने बार तो उसके सर भी फोड़े होंगे,, लेकिन भगवान ने,  उसको एक कोमल  दिल दिया है,  उसके दिल में प्रेम का फूल खिलाया है, जो इतना होने पर भी, नहीं  सूखता है, वह तो  धैर्यवान पति है,,

Comments & Reviews

Shubham Kumar
Shubham Kumar थैंक यू

1 year ago

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